पंचामृत अभिषेक पूजा

पंचामृत अभिषेक एवं रुद्राभिषेक पूजा के माध्यम से उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक आदर्श स्थान बन जाता है। यह अनुष्ठान समय पांच पवित्र तत्वों का एक पवित्र मिश्रण, जिसे पंचामृत कहा जाता है – दूध, दही, शहद, घी, और शक्कर का मिश्रण शिवजी को अर्पित किया जाता है।

"पंचामृत" शब्द संस्कृत से आया है, जहाँ:

  • "पंच" का अर्थ है पाँच,
  • "अमृत" का अर्थ है अमरता या दिव्य का अमृत।

इसलिए, पंचामृत का अर्थ है “पाँच पवित्र अमृतों का मिश्रण”, जो हिंदू अनुष्ठानों, विशेष रूप से भगवान शिव के अभिषेक पूजा में शिव पिंडी को अर्पित किया जाता है। इनमें से प्रत्येक तत्व (अमृत) का एक अद्वितीय महत्व और उपचारात्मक कंपन लहर होता है, जो एक दिव्य ऊर्जा उत्पन्न करता है| वह शुद्धता, पोषण, और भक्ति का प्रतीक होता है।

पंचामृत क्या है?

देवताओं का अमृत
अभिषेक में अर्पित किए जाने वाले पाँच तत्वों का प्रत्येक गहरा आध्यात्मिक प्रतीकवाद है, जैसे:

  • दूध (Milk) –शुद्धता और भक्ति का प्रतीक
  • दही (Curd) –शक्ति और समृद्धि का प्रतीक
  • शहद (Honey) –जीवन में एकता और मिठास का प्रतीक
  • घी (Ghee) –विजय और दिव्य ऊर्जा का प्रतीक
  • शक्कर (Sugar) – आनंद, मोक्ष, और सकारात्मक ऊर्जा जोड़ने का प्रतीक
  • सभी घातक मिलकर एक पवित्र अमृत बनता हैं जो शिवजी को प्रसन्न करता है और हमारे जीवन के प्रत्येक पहलु में आशीर्वाद प्राप्त करवाता हैं।

घृष्णेश्वर मंदिर में पंचामृत अभिषेक पूजा क्यों करें?

महाराष्ट्र के प्राचीन वेरुल (एल्लोरा) गुफाओं के पास स्थित घृष्णेश्वर/गृष्णेश्वर मंदिर है | वह केवल एक मंदिर नहीं है—यह एक दिव्य ऊर्जा का स्त्रोत है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के कारण, यह एक अनूठी आध्यात्मिक महत्त्व धारण करता है | यहाँ भगवान शिव अपने सबसे करुणामय और दिव्य रूप में प्रकट होते है ऐसा भक्तोंका विश्वास है। जब आप यहाँ पंचामृत अभिषेक पूजा करते हैं, तो आप केवल शिवजी को पाँच पवित्र अमृतों का मिश्रण अर्पित नहीं कर रहे होते, बल्कि यह विश्वास किया जाता है कि आप अपने जीवन में दिव्य परिवर्तन लाने के लिए प्रार्थना कर रहे होते हैं।

घृष्णेश्वर मंदिर में पंचामृत अभिषेक करवाने के लिए सर्वोत्तम पंडितजी:

घृष्णेश्वर मंदिर में पंचामृत अभिषेक करवाने के लिए सर्वोत्तम पंडितजी:
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग में सभी पूजाएँ प्रमाणित तथा ताम्रपत्रधारी पंडितजी द्वारा की जाती हैं| वह पुरोहित पीढ़ियों से मंदिर में अनुष्ठान करने का अधिकार रखते हैं। ये पुरोहित मंदिर द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त होते हैं और उनके पास वैध पहचान पत्र होते हैं। यदि आप एक आध्यात्मिक और प्रामाणिक पूजा का अनुभव करना चाहते हैं, तो केवल इन "ब्रह्मवृन्द संघ" के पुरोहितों से ही संपर्क करें। आपकी पूजा की पुष्टि करने के लिए नीचे दिए गए पंडितजी के किसी भी प्रोफ़ाइल से संपर्क करने में संकोच न करें।
(Coming soon)

Online & Offline Puja Booking

Note:

  • Each booking permits only one couple or two individuals only. Puja booking details will be shared only after successful puja booking done.
  • All required puja samagri is included in the puja charges.
  • All the pandits listed on this website are verified priests who perform puja rituals inside the temple.
  • Rudrabhishek, Jalabhishek & Panchamrit Abhishek are conducted inside the temple’s Garbhagriha and can touch the Shivling during the ritual only for Offline pujas mode.
  • You must reach the designated puja location as coordinated and communicated by the Pandit Ji, for offline puja booking’s. Puja bookings are Non-Refundable.
  • For offline puja bookings, you must reach the puja location 5 hours before the temple closing time(recommended),as communicated by panditji.

आइए पंचामृत अभिषेक को और अधिक विस्तारित रूप से समझते हैं:

1. पूर्वकर्म और नकारात्मक ऊर्जा का शुद्धिकरण करने में मद्त :

अभिषेक के दौरान शिवलिंग पर पंचामृत का बहना अशुद्धियों को धोने का प्रतीक है; चाहे वे देखी जाएं या अदृश्य। अभिषेक के दौरान आप प्रत्येक बूँद के साथ, अपनी पिछली गलतियों, पछतावों और कर्तव्य ऋणों को भगवान शिव के चरणों में समर्पित कर पापक्षालन कर रहे होते हैं। पंडित जी द्वारा उच्चारित शक्तिशाली मंत्र इस शुद्धिकरण को और अधिक प्रभावी बनाते हैं, जिससे आपकी अंतरआत्मा नवीनीकरण और संतुलन की स्थिति में पहुँचती है। "जैसे बहता हुआ पानी पत्थर को शुद्ध करता है, वैसे ही पवित्र अनुष्ठान आत्मा को शुद्ध करते हैं।"

2. अच्छा स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि लाने में मदत:

पंचामृत के प्रत्येक तत्व—दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर का अपना अपना आध्यात्मिक कंपन और उपचारात्मक गुण होता है। ये सभी मिलकर न केवल शिवलिंग को पोषित करते हैं, बल्कि भक्त को आशीर्वाद भी प्रदान करते हैं। इस पूजा के द्वारा निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  • दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं से राहत
  • मानसिक तनाव और चिंता का समाधान
  • धन, स्थिरता और आंतरिक शांति की प्राप्ति
  • महादेव - शिवजी की ऊर्जा के साथ भक्ति में खुद को लीन करके, आप स्वाभाविक रूप से अपने जीवन में प्रचुरता और सामंजस्य को बढ़ावा देने का मार्ग विस्तरिक कर सकते हैं।

3. दिल की इच्छाओं को पूरा करने में और जीवन के अड़चनों को दूर करने में मदत करता है :

आप चाहे करियर की चुनौतियों, पारिवारिक समस्याओं, या रिश्तों में अड़चनों का सामना कर रहे हों, पंचामृत अभिषेक एक आध्यात्मिक रीसेट के रूप में कार्य करता है। भक्तिभाव से की गयी हुई पूजा शुद्ध भावना और पवित्र कंपन के साथ जुड़ने के साथ साथ बाधाओं को नष्ट कर के नए प्रारंभ के लिए स्फूर्ति दिलवाती हैं। इस पूजा को संकल्प (व्यक्तिगत इच्छाए) के साथ ज्योतिर्लिंग जैसे पवित्र स्थान पर करने से भगवान शिव का कृपा आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे भक्तोंकी इच्छाओं की पूर्ति होने में मदत के साथ ही उनके जीवन में अप्रत्याशित समाधान और सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।

4. दिव्य कृपा, रक्षा और आध्यात्मिकता में वृद्धि की प्राप्ति करवाता है:

भगवान शिवजी अज्ञान और अहंकार के नाशक है, और ब्रह्मांडीय सत्य और आंतरिक सुख के दाता हैं। पंचामृत अभिषेक केवल एक पंच अमृतों/ पदार्थोंका अर्पण नहीं है—यह एक आध्यात्मिक संवाद है। जब आप श्रद्धा के साथ शिवलिंग पर पंचामृत अर्पित करते हैं, तो आप वास्तव में अपने भीतर दिव्य चेतना को जागृत कर रहे होते हैं। यह पूजा के माध्यम से आपको निम्न चीजोंकी प्राप्ति होती है:

  • नकारात्मक शक्तियों से रक्षा
  • जीवन के परिवर्तनशील क्षणों में मार्गदर्शन
  • अपने अंतर् आत्मा से अपने उद्देश्य का मिलन

पंचामृताभिषेक निम्न भाविकों के लिए अत्यधिक लाभ प्रधान करता हैं :

  • वे जो उपचार, मानसिक शांति या भावनात्मक संतुलन की प्रतीक्षा में हैं
  • जो भक्त परिवार में सामंजस्य, संपत्ति या विवाह सम्बंधित चीजे सुधारना चाहते हैं
  • साधक जो शिवजी से आध्यात्मिक रूप से गहरे भाव की इच्छा रखते हैं

गृष्णेश्वर मंदिर पूजा -स्थान में क्यों?

यह पूजा घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग में, जो महाराष्ट्र के वेरुल/एल्लोरा गुफाओं के पास स्थित है, करने से इसके आध्यात्मिक प्रभावों में वृद्धि होती है। यह विश्वास किया जाता है कि यहाँ भगवान शिव स्वयं अपनी सबसे कृपालु और उदार रूप में निवास करते हैं, जिससे यह पंचामृत अभिषेक के माध्यम से उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक आदर्श स्थान बन जाता है।

घृष्णेश्वर में पंचामृत अभिषेक पूजा की दक्षिणा :

पूजा/दक्षिणा की दक्षिणा पंडित जी के अनुसार भिन्न हो सकती है। दक्षिणा की पुष्टि करने के लिए आप ऊपर दिए गए पंडित जी के प्रोफाइल में से किसीभी पंडितजी से संपर्क कर सकते हैं।

पंचामृत अभिषेक पूजा के लिए सर्वोत्तम दिन:

  • सोमवार (शिव का दिन)
  • श्रावण मास
  • प्रदोष व्रत
  • महाशिवरात्रि

सार रूप में…

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग में पंचामृत अभिषेक करना केवल एक अनुष्ठान नहीं है—यह एक पवित्र अनुभव है| वह स्वास्थ्यप्राद, विपुलता , और ज्ञान की ओर मार्ग प्रस्थापित करता है। यहाँ विश्वास और परिवर्तन का मिलन होता है, और आपकी प्रार्थनाएँ सीधे भगवान शिव के हृदय तक पहुँचाई जाती हैं। केवल पूजा करने के लिए नहीं, बल्कि अपने अंतरदिव्य को जागृत करने के लिए, अवश्य पधारिए।

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